अजंता एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद नामक क्षेत्र के समीप मौजूद पत्थरों की चट्टानों में स्थित है। यह गुफाएं एक श्रृंखला के रूप में मौजूद हैं जिनपर तरह-तरह की आकृतियां बनाई गई हैं। इन गुफाओं में मौजूद कलाकृतियों को देखने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में लोग आते हैं। कहा जाता है कि अजंता और एलोरा की गुफाओं का निर्माण 5वीं से 11वीं शताब्दी के मध्य किया गया था। इसका निर्माण राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था। यह गुफाएं मुख्य रूप से प्राचीन भारतीय सभ्यता को प्रदर्शित करती हैं जिसमें हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म का एक ऐतिहासिक और कलात्मक मिश्रण देखा जा सकता है।
अजंता की गुफाएं – Ajanta Caves
अजंता की गुफाएं पूर्ण रूप से बौद्ध धर्म से प्रेरित है जिसके कारण इसमें कुल 29 बौद्ध गुफाओं का समूह मौजूद है। इन गुफाओं को बनाने में एक शानदार शिल्पकला एवं सुंदर चित्रकलाओं का संगम देखने को मिलता है जो मानवीय इतिहास में बेहद अनमोल मानी गई है। कहा जाता है कि यह गुफाएं पूर्ण रूप से बौद्ध एवं जैन संप्रदाय से प्रेरित है। अजंता की गुफाओं में मौजूद सुंदर शिल्पकारी में बौद्ध एवं जातक कथाओं को प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है। कहा जाता है कि 5वीं शताब्दी में वाकाटक राजाओं के प्रमुख राजा हरिसेन के संरक्षण में अजंता की गुफाओं को निर्मित किया गया था।
एलोरा की गुफाएं – Ellora Caves
एलोरा की गुफाएं अजंता की गुफाओं से लगभग 100 किलोमीटर एवं महाराष्ट्र से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गुफाएं महाराष्ट्र के सह्याद्रि पर्वतमाला के समीप मौजूद है। एलोरा की गुफाओं में कुल 34 गुफाओं का समूह देखा जा सकता है जिसमें 17 हिंदू धर्म, 5 जैन धर्म एवं 12 बौद्ध धर्म को सम्मिलित किया गया है। कहा जाता है कि एलोरा की गुफाओं का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के विभिन्न शासकों के द्वारा करवाया गया था। इसके अलावा कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना है कि इन गुफाओं को कर्नाटक एवं तमिलनाडु के विभिन्न शिल्पी संघों के द्वारा निर्मित किया गया था। इन गुफाओं के अंदर भी सुंदर कलाकृतियां एवं वास्तुशिल्प का कार्य किया गया है।
अजंता और एलोरा की गुफाओं का इतिहास- History of Ajanta and Ellora Caves
अजंता और एलोरा की गुफाओं का निर्माण बड़े-बड़े पत्थरों के चट्टानों को काटकर किया गया है। अजंता की गुफाओं में कुल 29 एवं एलोरा की गुफाओं में 34 गुफाएं मौजूद हैं। इन गुफाओं में बेहद शानदार एवं अनोखी कला देखी जा सकती है। इन गुफाओं में मुख्य रूप से भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं के साथ-साथ कई अन्य सुंदर आकृतियां भी मौजूद हैं जो इन्हें विशेष बनाती है। अजंता और एलोरा की गुफाएं यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार इन गुफाओं को 200 ईसा पूर्व से 650 ईसा पूर्व के मध्य बनाया गया था। कहा जाता है कि इन गुफाओं का निर्माण करना किसी आम व्यक्ति के लिए लगभग नामुमकिन कार्य था क्योंकि इसमें किसी भी अतिरिक्त पत्थर या मूर्ति का प्रयोग नहीं किया गया है बल्कि इसे पूरी तरह से एक ही विशाल पत्थर की चट्टान को तोड़कर अथवा काटकर बनाया गया है। इन गुफाओं के अधिकांश चित्रकलाओं में लाल रंग का प्रयोग किया गया है जो इसे देखने में बेहद सुंदर एवं आकर्षक बनाता है।
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अजंता और एलोरा की गुफाओं से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts Related to Ajanta and Ellora Caves
अजंता और एलोरा की गुफाएं भारतीय इतिहास की एकमात्र सबसे अद्भुत एवं अद्वितीय गुफाएं हैं जिनके कई रोचक तथ्य है जैसे:-
- अजंता और एलोरा की गुफाओं को एक विशाल चट्टान को काटकर बनाया गया है जो भारतीय इतिहास के एक बेहतरीन वास्तुकला का उदाहरण है। अजंता में स्थित गुफाओं की अधिकांश दीवारों पर बौद्ध धर्म से संबंधित नक्काशी करी गई है जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि बौद्ध धर्म का इतिहास काफी पुराना है। इसके अलावा एलोरा की गुफाओं में हिंदू धर्म, जैन धर्म एवं बौद्ध मूर्तियां भी स्थापित करी गई हैं जो इन तीनों धर्म को संदर्भित करती हैं।
- अजंता में मौजूद सभी गुफाओं को घोड़े की नाल के आकार का बनाया गया है जिसके सामने एक छोटी सी वाघोरा नदी बहती है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अजंता गुफाओं का नाम पास में स्थित अजंता नामक गांव के नाम पर रखा गया था।
- अजंता और एलोरा की गुफाएं भारतीय इतिहास की सबसे पुरानी एवं महत्वपूर्ण धरोहर है जिनके अंदर विभिन्न प्रकार की मूर्तियों एवं मंदिर मौजूद है। माना जाता है कि अजंता गुफाओं का बाहरी क्षेत्र पहाड़ के किनारे लगभग 2 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- एलोरा की गुफाओं में विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े हिंदू मंदिर, बौद्ध धार्मिक स्थल एवं जैन धर्म स्थलों को स्थापित किया गया है जिसके कारण बौद्ध धर्म के अनुयायी इस स्थान को ‘विश्वकर्मा गुफा’ के नाम से भी संबोधित करते हैं।
- अजंता और एलोरा की गुफाएं सभी भारतीय धरोहर स्थलों में से सबसे खूबसूरत एवं आकर्षक माने जाते हैं जिनमें हिंदू मंदिर परिसर का एक बड़ा हिस्सा पाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह गुफाएं बेहद अद्भुत हैं।
- कहा जाता है कि एलोरा की चट्टानों को 5वीं से 12वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था जिनमें से 1 से लेकर 12 गुफाएं बाकी अन्य गुफाओं से सबसे अधिक पुरानी है। यह गुफाएं मुख्य रूप से बौद्ध गुफाएं कहलाती हैं।
- एलोरा की अन्य 13वीं से 29 वीं गुफाओं में हिंदू धर्म के विभिन्न मंदिरों के प्रमाण देखे जा सकते हैं जिनमें ब्राह्मणवादी एवं विश्व प्रसिद्ध कैलासा मंदिर प्रमुख हैं।
- माना जाता है कि अजंता की गुफाओं की जानकारी सर्वप्रथम चीनी यात्रियों ह्वेन त्सांग एवं फ़ाहियान द्वारा दी गई थी। दरअसल, इन गुफाओं को उन्होंने अपने यात्रा के दौरान उजागर किया था।
- अजंता और एलोरा की गुफाएं भारतीय इतिहास के पुरातात्विक स्थलों में से एक है। इन गुफाओं की पूर्ण देखरेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा की जाती है।
- अजंता और एलोरा की गुफाओं को यूनेस्को ने वर्ष 1983 में विश्व विरासत स्थल की सूची में नामित किया था।
अजंता और एलोरा की गुफाएं : एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल – Ajanta and Ellora Caves: A Famous Tourist Destination
अजंता और एलोरा को गुफाएं एक महत्वपूर्ण भारतीय पुरातात्विक स्थल है जो विश्व भर में अपनी खूबसूरती एवं आकर्षण के लिए सुप्रसिद्ध है। वर्तमान समय में यहां देश-विदेश से कई पर्यटक आते हैं जिसके कारण इसे देश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में भी गिना जाता है। इन गुफाओं में बेहद सुंदर और आकर्षक मूर्तियां मौजूद हैं जिन्हें बेहद सावधानीपूर्वक बनाया गया है और ये सभी मूर्तियां किसी न किसी धर्म विशेष से संबंधित हैं। इसीलिए यह देश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। यह गुफाएं एक पहाड़ी पर स्थित है जिसके करीब से एक छोटी सी वाघोरा नामक नदी भी बहती है जो देखने में बेहद आकर्षक लगती है।
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अजंता और एलोरा की गुफाओं का टिकट – Ajanta and Ellora Caves Tickets
- भारत के सभी नागरिकों के लिए अजंता और एलोरा की गुफाओं का टिकट मात्र ₹40 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है।
- विदेशी नागरिकों के लिए यह ₹550 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है।
- SAARC देशों के नागरिकों के लिए यह टिकट ₹40 प्रति निर्धारित किया गया है।
- BIMSTEC देशों के नागरिकों के लिए यह टिकट ₹40 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है।
- 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह टिकट नि:शुल्क रखी गई है।
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