खजुराहो मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर नामक जिले में स्थित है। यह भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो मुख्य रूप से हिंदू धर्म एवं जैन धर्म की संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में खजुराहो मंदिर को ‘खजुरा वाहक’ यानी’ बिच्छू वाहक’ के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर इतिहास के बेहतरीन स्मारकों में से एक है। इस मंदिर के दीवारों पर देवी-देवताओं के साथ-साथ समुद्री अप्सराओं, हाथियों एवं शेरों के चिह्न भी बनाये गए हैं जो देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं।
खजुराहो मंदिर का इतिहास – History of Khajuraho Temple
कहा जाता है कि खजुराहो मंदिर का निर्माण चंदेल के राजाओं के द्वारा 950 इसवीं से 1050 इसवीं के मध्य करवाया गया था। दरअसल, चंदेल के राजाओं ने मध्य भारत में 10वीं से 12वीं शताब्दी के बीच शासन किया था एवं इस दौरान उन्होंने इस मंदिर का भव्य निर्माण करवाया था। इस मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की आकृतियों के साथ-साथ कुछ कामुक कलाकृतियां भी करी गई है जो वास्तुकला एवं मोक्ष का प्रतीक मानी जाती हैं। खजुराहो मंदिर में उपस्थित यह कामुक मूर्तियां विश्व भर में प्रसिद्ध है। खजुराहो मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस विशाल एवं भव्य मंदिर का नाम खजुराहो इसीलिए रखा गया था क्योंकि इस क्षेत्र पर किसी समय में खजूर के विशाल बगीचे हुआ करते थे। यह भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है जो भारत का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है।
खजुराहो मंदिर की मूर्तियों का रहस्य – Mystery of Khajuraho Temple Statues
खजुराहो मंदिर की भीतरी दीवारों पर लगभग 226 मूर्तियां बनाई गई है एवं इसकी बाहरी दीवारों पर लगभग 650 मूर्तियां निर्मित की गयी हैं। यह सभी मूर्तियां किसी धर्म विशेष के साथ-साथ स्त्री एवं पुरुष के बीच के शारीरिक संबंधों की क्रियायों को भी प्रदर्शित करती हैं जिसके कारण इन मूर्तियों का लगातार विरोध किया जाता है। कहा जाता है कि खजुराहो मंदिर में उपस्थितियां सभी मूर्तियों में मुख्य रूप से कामकला के विभिन्न आसनों की आभा झलकती लगती है जिसके कारण इन मूर्तियों को धर्मविरुद्ध कृत्य एवं अनैतिक माना जाता है।
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खजुराहो मंदिर का महत्व – Importance of Khajuraho Temple
खजुराहो मंदिर का ऐतिहासिक प्रमाण बेहद पुराना है जिसके कारण इसे हिंदू धर्म, कला एवं संस्कृति के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा यह मंदिर विश्व भर में प्रेम एवं सौंदर्य का प्रतीक भी माना जाता है। इस मंदिर की विशेष बनावट इसे अन्य सभी मंदिरों से अलग बनाती है क्योंकि यह देखने में बेहद आकर्षक एवं सुंदर लगता है। इसी कारण इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इस मंदिर की भव्यता को देखते हुए यूनेस्को ने इसे वर्ष 1986 में विश्व विरासत की सूची में शामिल किया था।
खजुराहो मंदिर के कुछ रोचक तथ्य – Some Interesting Facts About Khajuraho Temple
खजुराहो मंदिर के रोचक तथ्य कुछ इस प्रकार हैं:-
- कहा जाता है कि पौराणिक काल में खजुराहो में लगभग 85 मंदिर हुआ करते थे परंतु समय के साथ-साथ इन मंदिरों की संख्या में भी गिरावट आ गई। वास्तव में प्राकृतिक आपदाओं एवं इन मंदिरों में मौजूद सुंदर शिल्पकलाओं और मूर्तियों की चोरी होने के कारण वर्तमान समय में खजुराहो के मंदिरों की संख्या घटकर केवल 24 रह गई है।
- खजुराहो मंदिर मध्यकालीन समय के बेहतरीन मंदिरों में से एक माना जाता है जिसमें मौजूद मूर्तियों को भारतीय ऐतिहासिक वास्तुकला का प्रतीक कहा जाता है।
- खजुराहो के मंदिरों को पूर्व, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण दिशाओं में विभाजित किया गया था जिसके कारण यह मंदिर बेहद आकर्षक लगता है।
- इन मंदिरों के अधिकांश भाग पर देवी-देवताओं की मूर्ति होने के साथ-साथ कुछ भाग पर कामुक मूर्तियां भी बनाई गई है जिसके कारण हिंदू धर्म के लोग इन मंदिरों का विरोध भी करते हैं। हिंदू धर्म के लोगों के अनुसार मंदिर की दीवारों पर इस प्रकार की मूर्ति होना अनैतिक एवं धर्म विरुद्ध है।
- खजुराहो मंदिर काफी पुराना है जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग के द्वारा की जाती है। इन मंदिरों को भारत के सबसे पुरानी इमारतों में से एक माना जाता है जिसके कारण समय-समय पर इसकी मरम्मत का कार्य भी किया जाता है।
- खजुराहो मंदिर की विशेषता यह है कि इन मंदिरों के अंदर के भवन पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर मिले हुए हैं जिसमें एक मुख्य द्वार, एक विशाल भवन, एक गलियारा एवं एक मंदिर भी मौजूद है।
- खजुराहो मंदिर के निर्माण के समय में इसके अंदर विभिन्न प्रकार के देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई गई थी जो देखने में बेहद आकर्षक एवं सुंदर हैं।
- कुछ इतिहासकारों के अनुसार चंदेल वंश के राजाओं के शासनकाल में इस मंदिर के अंदर तंत्र विद्या एवं तंत्र क्रियाएं की जाती थी। कहा जाता है कि खजुराहो मंदिर में बनी कामुक मूर्तियों का निर्माण उसी दौरान किया गया था।
- खजुराहो के मंदिरों को नागर शैली में बनाया गया है जहां कई ऐसे स्थान मौजूद हैं जो इन्हें अन्य मंदिरों से अलग बनाते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी करी गई है जिसका संबंध पौराणिक कथाओं के हिंदू देवी-देवताओं से है।
- कुछ इतिहासकारों का मानना है कि खजुराहो के मंदिर में उपयोग किए जाने वाले पत्थर रेतीले हैं जिन्हें पन्ना खदानों से लाया गया था। यह पत्थर उसे जमाने के सबसे आधुनिक एवं सुंदर पत्थरों में से एक माने जाते थे।
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खजुराहो मंदिर : भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थलों में से एक – Khajuraho Temple: One of the Best Tourist Places in India
खजुराहो मंदिर भारत के सबसे सुंदर एवं आकर्षक मंदिरों में से एक है जो मुख्य रूप से भारतीय इतिहास की धार्मिक कलाओं का प्रतीक है। इस मंदिर में ढेरों मूर्तियां बनाई गई है जो नृत्य एवं विभिन्न कलाओं को प्रदर्शित करती हैं। यह मूर्तियां मुख्य रूप से सांप्रदायिकता का प्रतीक है जिन्हें विशेष प्रकार से बनाया गया है। कहा जाता है कि जब खजुराहो के मंदिरों का निर्माण किया गया था तो यह परिसर 20 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ था परंतु समय के साथ-साथ यह घटकर केवल 6 वर्ग किलोमीटर का रह गया है। इस मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए यहां प्रतिदिन भारी मात्रा में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।
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