सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल में स्थित एक सुंदर राष्ट्रीय उद्यान है। यह क्षेत्र विशाल भूमि एवं विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों से घिरा हुआ है जिसमें कई प्रकार की जानवरों की प्रजातियां निवास करती हैं। इस उद्यान के अंदर वनों का एक विशाल क्षेत्र, खड़ियां एवं सहायक नदियां मौजूद हैं जो इसकी सुंदरता में और अधिक निखार लाती हैं। यह भारत के सबसे अच्छे एवं विशाल राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान में तरह-तरह के जानवर एवं पशु पक्षियों का प्राकृतिक निवास स्थल है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता को देखते हुए यूनेस्को ने वर्ष 1987 में इस उद्यान को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास – History of Sundarban National Park
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी जो लगभग 40,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ एक डेल्टा है। कहा जाता है कि इस उद्यान में जंगली जीवों की भारी संख्या देखने को मिलती है। कुछ लोगों का मानना है कि सुंदरवन नेशनल पार्क का नाम “सुंदरी” (मैंग्रोव) के नाम से प्रेरित है। मैंग्रोव पेड़ की एक प्रजाति है जिनकी लंबाई सामान्य पेड़ों की तुलना में कहीं अधिक होती है एवं यह देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं। सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान की सीमाएं पश्चिम बंगाल से लेकर बांग्लादेश में बहने वाली बालेश्वर नदी की सीमाओं तक फैली हुई है।
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सुंदरवन नेशनल पार्क की विशेषता – Features of Sundarban National Park
सुंदरवन नेशनल पार्क की विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं:-
- सुंदरवन नेशनल पार्क भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जिसमें विभिन्न प्रकार के जानवर निवास करते हैं। इस उद्यान में हजारों की संख्या में पशु-पक्षी भी रहते हैं जिसके कारण इसे ‘पक्षी अभ्यारण’ के नाम से भी जाना जाता है।
- सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान का नाम ‘सुंदरी’ शब्द से लिया गया है जो मुख्य रूप से यहां मौजूद विशालकाय मैंग्रोव के पेड़ों से प्रेरित है। इस अभ्यारण में सुंदरी के पेड़ों की संख्या अन्य पेड़ों की तुलना में अधिक है जिसके कारण इसका नाम सुंदरवन रखा गया है।
- सुंदरवन नेशनल पार्क भारत के 14 जीवमंडल रिजर्व (Biosphere Reserve) के बाघ संरक्षित क्षेत्र में से एक है। वर्ष 1984 के 5 वर्षों बाद वर्ष 1989 में सुंदरवन के क्षेत्रों को जीव मंडलरिजर्व घोषित कर दिया गया था।
- सुंदरवन विश्व के सबसे बड़े सक्रिय त्रिभुज क्षेत्र में से एक है जिसके कारण इसे डेल्टा क्षेत्र भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस जंगल में अनेकों प्रकार की वनस्पति एवं जीव-जंतुओं का प्राकृतिक निवास स्थान मौजूद है।
- इस उद्यान में रॉयल बंगाल टाइगर, एस्टुरीन मगरमच्छ, तेंदुए, भालू, जंगली सूअर, चित्तीदार हिरण, जंगली भैसे आदि की कई प्रजातियां मौजूद हैं। इसके अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान में कई ऐसे लुप्तप्राय प्रजातियों को भी संरक्षित करके रखा गया है जिनके अस्तित्व को बचाना बेहद आवश्यक माना जाता है।
- सुंदरवन भारत के उन क्षेत्रों में से है जहां पर साल में सबसे अधिक वर्षा होती है। इसी कारण इस उद्यान को ‘वर्षावन’ के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
- कहा जाता है कि सुंदरवन नेशनल पार्क भारत के उन प्रमुख उद्यानों में से है जहां पर बंगाल टाइगर का प्राकृतिक निवास स्थान मौजूद है।
- सुंदरवन नेशनल पार्क में मौजूद घने जंगलों के अंदर वनस्पतियों का एक समृद्ध समूह पाया जाता है जिसके अंदर लगभग 64 प्रकार के पौधों की प्रजातियां हैं। इन प्रजातियों में मुख्य रूप से चंपा, धुंडुल, हटल, गेनवा आदि प्रमुख हैं।
- इस उद्यान में तरह-तरह के जीव-जंतु निवास करते हैं जिसके कारण इसे वन्य जीव पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र भी माना जाता है। इस अभ्यारण में मौजूद जंगली जानवरों को देखने के लिए प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
- सुंदरवन के कुल क्षेत्र में लगभग 54 द्वीप समूह मौजूद हैं।
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सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश शुल्क – Sundarban National Park Entry Fee
सभी भारतीय नागरिकों के लिए सुंदरवन नेशनल पार्क का प्रवेश शुल्क ₹60 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए यह प्रवेश शुल्क ₹200 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है। सुंदरवन नेशनल पार्क प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक खुला रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुंदरवन नेशनल पार्क प्रत्येक रविवार को बंद रहता है।
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान के आसपास घूमने की कुछ प्रमुख जगहें – Some Major Places To Visit Around Sundarban National Park
सुंदरबन नेशनल पार्क के आसपास घूमने की कई जगह हैं जैसे:-
- जॉय सिटी: पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध यूनेस्को वन्य जीव स्थल।
- सजनेखाली पक्षी उद्यान
- कनक द्वीप
- सुंदरवन के सागर द्वीप में लगने वाला गंगासागर मेला।
- वॉच टावर आदि।
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