पेंच नेशनल पार्क भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जिसकी सीमाएं मध्य प्रदेश के सिवनी एवं छिंदवाड़ा जिलों के साथ-साथ महाराष्ट्र के नागपुर नामक जिले तक फैली हुई है। यह मध्य प्रदेश के दो जिलों एवं महाराष्ट्र के एक जिले में फैला हुआ एक अद्भुत एवं सुंदर उद्यान है जिसका क्षेत्रफल लगभग 1180 वर्ग किलोमीटर है।
पेंच नेशनल पार्क को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है कोर जोन (इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान और पेंच मोगली अभयारण्य) एवं बफर जोन पेंच टाइगर रिजर्व। कोर जोन लगभग 412 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ जंगल का आंतरिक भू-भाग है जहां पर विभिन्न प्रकार के जानवरों एवं पक्षियों का निवास स्थल मौजूद है। इसके अलावा बफर जोन का क्षेत्रफल लगभग 768 वर्ग किलोमीटर है जो जंगल के बाहरी क्षेत्रों को कवर करता है। पेंच नेशनल पार्क भारत का सबसे बड़ा एवं सुंदर उद्यान है जहां पर प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
पेंच नेशनल पार्क का इतिहास – History of Pench National Park
पेंच नेशनल पार्क की सीमाएं मध्य प्रदेश के सिवनी एवं छिंदवाड़ा के सतपुड़ा खाड़ियों के दक्षिणी छोर से लेकर महाराष्ट्र के नागपुर नामक जिले तक फैली हुई है। मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 1992 से 1993 के मध्य इस उद्यान को टाइगर रिजर्व के रूप में मान्यता प्रदान की थी। वहीं महाराष्ट्र सरकार में वर्ष 1983 में ही इस उद्यान को राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया था और वर्ष 1998 से 1999 के मध्य इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा भी दिया था। पेंच नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों का प्राकृतिक निवास स्थान मौजूद है। यहां पर जानवरों की कई प्रजातियां देखी जा सकती हैं। इसी कारण इस उद्यान को भारत के सबसे प्रसिद्ध एवं आकर्षक उद्यानों में से एक माना जाता है।
पेंच नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है ? – Why is Pench National Park famous?
पेंच नेशनल पार्क के वन क्षेत्र का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है जिसका वर्णन कई प्रसिद्ध किताबों में भी किया गया है जैसे ‘ दी जंगल बुक’ (लेखक: रुडयार्ड किपलिंग – Rudyard Kipling), ‘ सिवनी: कैंप इन द सतपुड़ा (लेखक: रॉबर्ट आर्मिटेज स्टर्नडेल – robert armitage sterndale), ‘वाइल्ड एनिमल ऑफ़ सेंट्रल इंडिया’ (लेखक: डनवर ब्रेन्डर Denver Brainer) इत्यादि। इन सभी प्रसिद्ध किताबों में विशेष रूप से पेंच नेशनल पार्क की प्राकृतिक सौंदर्य एवं पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है। कुछ आंकड़ों के अनुसार इस राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 325 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां निवास करती हैं। इसके अलावा इसमें बाघ, चीतल, सांभर, जंगली भैंस, नीलगाय, जंगली भालू, लोमड़ी, हाथी, जंगली कुत्ता आदि जैसे जानवरों की प्रजातियां भी पाई जाती हैं। पेंच नेशनल पार्क के मनमोहक दृश्य को देखने के लिए यहां प्रतिदिन देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
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पेंच नेशनल पार्क की विशेषताएं – Features of Pench National Park
पेंच नेशनल पार्क की विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं:-
- पेंच नेशनल पार्क का नाम पेंच नदी के नाम पर रखा गया है जो मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के राज्यों में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक मानी जाती है।
- पेंच नेशनल पार्क को वर्ष 1983 में नेशनल पार्क घोषित कर दिया गया था जिसके 9 वर्षों बाद सन 1992 में इसे आधिकारिक रूप से भारत देश का 19वां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान को भारत के महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (IBA) की अधिसूची स्थल में शामिल किया गया है। IBA – Important Bird and Biodiversity Areas एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य विश्व भर में मौजूद पक्षियों के संरक्षण के बारे में जानकारी एकत्रित करना, निगरानी करना एवं सुरक्षा करना होता है।
- इस उद्यान के अंदर लगभग सभी प्रकार के पशु-पक्षी मौजूद है। बीते कुछ सालों में यहां मौजूद बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है जिसके कारण इसकी गिनती भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्व में होती है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान की भौगोलिक संरचना ऊपर-नीची, पहाड़ियों एवं समतल क्षेत्र से मिलकर हुई है। इसमें विभिन्न प्रकार की छोटी-बड़ी नदियां एवं झरने मौजूद हैं जिनकी सहायता से यहां रह रहे सभी जानवरों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है।
- इसके अंदर कई प्रकार की पहाड़ियां मौजूद है जिनमें ‘काला पहाड़’ नामक पहाड़ी अन्य सभी पहाड़ियों से सबसे ऊंची है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 650 मीटर है।
- पेंच नेशनल पार्क में पेड़ों की कई प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से 30 से अधिक प्रजातियां अधिक ऊंचाई वाले वृक्ष, 50 से अधिक प्रजातियां मध्य ऊंचाई वाले वृक्ष एवं 60 से अधिक प्रजातियां कम ऊंचाई वाले वृक्ष के देखे जा सकते हैं।
- यह उद्यान विश्व भर में अपनी समृद्धि जैविक विविधताओं के लिए प्रसिद्ध है। इसमें मनमोहन सुंदर घाटियां मौजूद है जो देखने में बेहद आकर्षक लगती हैं।
- पेंच नेशनल पार्क में कई ऐसे लुप्तप्राय प्रजातियों को भी संरक्षित करके रखा गया है जिनके अस्तित्व को बचाना बेहद जरूरी है। इस खूबसूरत उद्यान में Junglefowl, Peafowl, Brahmi Duck, Crimson-breasted Barbet, Pochard आदि जैसे सुंदर पक्षियों को भी देखा जा सकता है।
- कुछ आंकड़ों के अनुसार, देश में बाघों भागों की संख्या को बढ़ाने में पेंच टाइगर रिजर्व का विशेष योगदान है जो वन्य जीव जनगणना के दृष्टिकोण से एक अच्छा संकेत माना जाता है।
पेंच नेशनल पार्क का जीप सफारी शुल्क – Pench National Park Jeep Safari Fees
पेंच नेशनल पार्क जीप सफारी की बुकिंग के लिए आप ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही माध्यम का चयन कर सकते हैं जिसका शुल्क ₹400-500 प्रति व्यक्ति होता है। परंतु पेंच नेशनल पार्क की शर्तों के अनुसार आपको एक जीप सफारी के लिए लगभग ₹1000 देने होंगे। इसमें आपको एक टूरिस्ट गाइड भी दिया जायेगा जो आपको जंगल की जानकारी प्रदान करेगा। पेंच नेशनल पार्क की एक जीप सफारी का खर्च ₹6000 आता है जिसमें 6 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है। इस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति का खर्च मात्र ₹1000 आता है।
आप पेंच नेशनल पार्क को सुबह एवं शाम की दो पारियों में घूम सकते हैं जिसमें सुबह का समय 6:30 बजे से लेकर 11:30 बजे तक का होता है इसमें आपको 5 घंटे का भरपूर समय मिलता है। इसके साथ ही शाम की पारी 3:00 बजे से शुरू होकर शाम 5:30 से 6:00 बजे तक चलती है जिसमें आपको केवल 2:30 से 3 घंटे का समय मिलता है। यदि आप पेंच नेशनल पार्क की जीप सफारी का आनंद लेना चाहते हैं तो हम आपको सुबह की शिफ्ट का चयन करने का सुझाव देंगे क्योंकि इसमें आपको 5 घंटे का समय मिलता है जो शाम के समय से अधिक है।
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पेंच नेशनल पार्क के आसपास घूमने की जगहें – Places To Visit Around Pench National Park
पेंच नेशनल पार्क के आसपास कई पर्यटक स्थल मौजूद हैं जैसे:-
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
- भेड़ाघाट
- सांची स्तूप
- रामटेक
- पचमढ़ी
- खेकरानाला
- ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान आदि।
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