मानस नेशनल पार्क भारत के असम राज्य में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसे मानस वन्य जीव अभ्यारण्य के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के महत्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जिसमें विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों को रखा गया है। कहा जाता है कि इस उद्यान के अंदर जानवरों की कई दुर्लभ प्रजातियां निवास करती हैं जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। मानस नेशनल पार्क हिमालय की तलहटी पर फैला हुआ एक विस्तृत जंगल है जिसका क्षेत्रफल लगभग 850 वर्ग किलोमीटर है।
मानस नेशनल पार्क का इतिहास – History of Manas National Park
मानस नेशनल पार्क को वर्ष 1990 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था जिसे वर्ष 1973 में ही प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व की सूची में शामिल कर दिया गया था। यह उद्यान पुरे भारत में मुख्य रूप से जंगली भैंसों की अधिक आबादी के लिए जाना जाता है। मानस नेशनल पार्क के अंदर बड़े-बड़े वृक्षों के घने जंगल एवं घास के बड़े-बड़े मैदान मौजूद हैं जहां से मानस नदी भी होकर गुजरती है। इसके अंदर जंगली भैंसों के अलावा बाघ, तेंदुआ, हाथी, गोल्डन लंगूर, सीवेट, कछुए, हिस्पिड खरगोश, पिग्मी हॉग आदि जैसे सुंदर जानवर भी देखे जा सकते हैं। इसकी सुंदरता को देखते हुए यूनेस्को ने मानस राष्ट्रीय उद्यान को दिसंबर वर्ष 1985 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
मानस नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है – Why is Manas National Park Famous?
मानस नेशनल पार्क प्रोजेक्ट टाइगर संरक्षण, प्रोजेक्ट एलिफेंट एवं बायोस्फियर रिज़र्व के कार्यक्रमों के लिए एक प्रमुख स्थल माना जाता है जिसके कारण यह देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इसे वर्ष 1989 में बायोस्फीयर रिजर्व के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण स्थल के रूप में नामित किया गया था। यह भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जीव-जंतुओं एवं पेड़-पौधों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं। कुछ आंकड़ों के अनुसार यहां पर पक्षियों की लगभग 380 से अधिक प्रजातियां, सरीसृप की 42 से अधिक प्रजातियां एवं स्तनधारी जानवरों की 60 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं।
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मानस नेशनल पार्क के टॉप 10 रोचक तथ्य – Top 10 Interesting Facts About Manas National Park
- मानस नेशनल पार्क का नाम असम की प्रमुख नदी माने जाने वाली “मानस नदी” के नाम पर रखा गया है जो ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी है।
- वर्ष 1928 में मानस उद्यान को एक खेल अभ्यारण्य के रूप में जाना जाता था जहां पर मुख्य रूप से जंगली जानवरों का शिकार भी किया जाता था परंतु बाद में जब इस जंगल को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया तो उसके बाद से यहां पर जानवरों का शिकार करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- मानस नेशनल पार्क को तीन प्रमुख जोन में विभाजित किया गया है कोर जोन, बफर जोन और संरक्षित जोन।
- वर्ष 2003 में मानस राष्ट्रीय उद्यान को हाथी परियोजना के अंतर्गत हाथियों को संरक्षित करने के लिए चयनित किया गया था जिसका उद्देश्य हाथियों की प्रजातियां एवं उनके मूल्यवान दांतों की रक्षा करना था।
- मानस राष्ट्रीय उद्यान बाघों की अधिक संख्या के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। वर्ष 2022 में हुई वन्य जीव गणना के अनुसार इस उद्यान के अंदर लगभग 52 व्यसक एवं 8 शावक की संख्या मौजूद है जिसमें निरंतर वृद्धि हो रही है। यह बाघों की जनसंख्या के लिए एक अच्छा संकेत माना जाता है।
- यह उद्यान संरक्षित पशु-पक्षियों के साथ-साथ समृद्ध जैव विविधता के लिए भी देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इस उद्यान में घने जंगल, जलोढ़ घास के मैदान एवं उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन देखे जा सकते हैं जिसमें जानवरों का प्राकृतिक निवास स्थान मौजूद है।
- इस उद्यान के संरक्षित क्षेत्र में बहने वाली मानस नदी बेहद खास है क्योंकि इस नदी के माध्यम से यहां रह रहे पशु-पक्षियों को पीने के लिए पर्याप्त पानी मिलता है।
- मानस राष्ट्रीय उद्यान को देश भर में लुप्तप्राय प्रजातियों की अधिकतम संख्या के लिए भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस उद्यान के अंदर जानवरों की कई ऐसी प्रजातियों को संरक्षित करके रखा गया है जिन्हें बचाना बेहद जरूरी है।
- इस उद्यान के अंदर विभिन्न जानवरों की प्रजातियों के साथ-साथ वनस्पतियों की भी कई सुंदर एवं दुर्लभ प्रजातियां मौजूद हैं जिसके कारण इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्रों की सूची में शामिल किया गया है।
- मानस राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों की सीमाएं भूटान तक फैली हुई है जहां इसे “रॉयल मानस नेशनल पार्क” के नाम से जाना जाता है।
मानस नेशनल पार्क जीप सफारी – Manas National Park Jeep Safari
मानस राष्ट्रीय उद्यान जीप सफारी को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है बांसबारी जोन एवं भुयनपारा जोन। भारतीय पर्यटकों के लिए बांसबारी जोन की जीप सफारी का शुल्क 4500 रुपया (5 व्यक्तियों के लिए) एवं भुयनपारा जोन की सफारी के लिए 5500 (5 व्यक्तियों के लिए) देना तय किया गया है। वहीं विदेशी मूल के पर्यटकों के लिए बांसबारी जोन की जीप सफारी का शुल्क ₹8000 प्रति जीप (5 व्यक्तियों के लिए) एवं भुयनपारा जोन की सफारी के लिए ₹9000 प्रति जीप (5 व्यक्तियों के लिए) निर्धारित किया गया है।
मानस राष्ट्रीय उद्यान की जीप सफारी की समय सारणी को कुछ इस प्रकार रखा गया है:-
- सुबह 6:30 से 9:30 तक
- सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे तक
- दिन के 2:00 बजे से 5:00 बजे तक।
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मानस नेशनल पार्क के आसपास घूमने की अन्य जगहें – Other Places To Visit Around Manas National Park
मानस नेशनल पार्क के आसपास कई पर्यटक स्थल मौजूद है जैसे:-
- काजीरंगा नेशनल पार्क
- कामाख्या मंदिर
- माजुली द्वीप
- काकोचांग झरना
- टोकलाई चाय अनुसंधान केंद्र (चाय बागान)
- असम राज्य चिड़ियाघर एवं बोटैनिकल गार्डन आदि।
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