चारमीनार – भारत का प्रसिद्ध स्मारक Charminar – Famous A Monument of India 2024

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चारमीनार भारत का एक ऐतिहासिक किला है जो हैदराबाद राज्य में स्थित है। इसे हैदराबाद की शान भी कहा जाता है। 1591-92 ईस्वी में बनी यह शानदार इमारत भारत के महत्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। चारमीनार का निर्माण सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने करवाया था जो सुल्तान कुतुब शाही राजवंश के पांचवें शासक थे। कहा जाता है कि इन्होंने इसका निर्माण व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से करवाया था। यह हैदराबाद के प्रमुख एवं ऐतिहासिक व्यापार मार्ग पर बनायी गयी एक सुंदर एवं अद्भुत इमारत है जिसके ‘चार प्रवेश’ द्वार अलग-अलग सड़कों को आपस में जोड़ते हैं।
चारमीनार का इतिहास
चारमीनार का इतिहास – History of Charminar

चारमीनार एक विश्व स्तरीय धरोहर के रूप में जाना जाता है जो भारत के सबसे महत्वपूर्ण इमारतों का एक अहम् हिस्सा है। लगभग 450 साल पुरानी इस इमारत को चूना पत्थर की सहायता से बनाया गया है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार चारमीनार में स्थित चारों स्तंभों का निर्माण सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने अपनी बेगम भागमती के सम्मान में बनवाया था। हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह चार स्तंभ इस्लामी धर्म के पहले चार खलीफाओं को समर्पित करने के उद्देश्य से बनाया गया था। चारमीनार के आधारशिला पर कई प्रकार के शिलालेखों को अंकित किया गया है जिसमें मुख्य रूप से शहर की स्थापना के चिह्नों को भी अंकित गया है। कहा जाता है कि चारमीनार की नीव लगभग 30 फीट गहरी है जो इसे छोटे-मोटे भूकंप के झटको से सुरक्षित रखती है।

चारमीनार क्यों प्रसिद्ध है? – Why is Charminar Famous?

चारमीनार भारत के सबसे समृद्ध एवं ऊंची मनरो में से एक है जिसकी ऊंचाई लगभग 48.7 मी (159.77 फ़ीट) है। यह देखने में बेहद सुंदर एवं आकर्षक लगती है जिसके कारण यहां प्रतिदिन भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं। यह एक चौकोर आकृति वाला स्मारक है जिसके प्रत्येक चार कोनों पर ऊंचे-ऊंचे खंबे मौजूद हैं और जिनकी ऊंचाई लगभग 48.7 मीटर है। यह एक चार मंजिला इमारत है जिसके प्रत्येक मंजिलों पर सुंदर वास्तुकला का प्रदर्शन किया गया है। इसकी सबसे ऊपरी मंजिल पर हैदराबाद की सबसे पुरानी मस्जिद मौजूद है जिसे चारमीनार का प्रमुख भाग माना जाता है।

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चारमीनार की विशेषताएं
चारमीनार की विशेषताएं – Features of Charminar
  • चारमीनार का निर्माण प्लेग महामारी के खत्म होने के जश्न के रूप में किया गया था। प्लेग एक भयंकर महामारी थी जिसका प्रभाव पूरे यूरोप के साथ-साथ भारत के कुछ राज्यों में भी था। कहा जाता है कि सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने चारमीनार को इस भयंकर महामारी के अंत होने की खुशी में बनवाया था।
  • चारमीनार में कुल 4 मंजिलें मौजूद है परंतु पर्यटकों को केवल नीचे की पहली मंजिल तक ही जाने की अनुमति दी जाती है और बाकी के सभी मंजिलों को सुरक्षा कारणों से अक्सर बंद ही रखा जाता है।
  • यह हैदराबाद की सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाली इमारत है जो शहर की पहली 4 मंजिला इमारत है। केवल इतना ही नहीं चारमीनार की दूसरी मंजिल में हैदराबाद की सबसे पुरानी मस्जिद भी बनाई गई है जिसमें करीब 40 से अधिक नमाज पढ़ने की जगहें मौजूद हैं।
  • चारमीनार के प्रत्येक चार कोनों पर चार सीढ़ियां बनाई गई है जहां से इसके ऊपरी भाग तक जाया जा सकता है। परंतु वर्तमान समय में यहां पर केवल दो सीढ़ियों को ही पर्यटकों के लिए खोला गया है, एक ऊपर चढ़ने के लिए एवं दूसरी नीचे उतरने के लिए।
  • यह हैदराबाद की सबसे पुरानी इमारतों में से एक है जिसका निर्माण आज से लगभग 430 से 450 वर्ष पहले किया गया था। इस इमारत के निर्माण में चुना, मिट्टी एवं गुड का उपयोग किया गया है क्योंकि उसे जमाने में बड़ी-बड़ी इमारत को बनाने में इन्हीं चीजों का उपयोग किया जाता था।
  • इसकी वास्तुशिल्प रचना इंडो-सारसैनिक शैली में की गयी है। यह एक विशेष प्रकार की शैली है जिसमें मुख्य रूप से संरचनात्मक तकनीक एवं सुंदर साज-सज्जाओं का मिश्रण देखने को मिलता है।
  • यह ऐतिहासिक स्मारक हैदराबाद की प्रमुख मुसी नदी के पूर्वी तट पर स्थित है जिसके अंदर से राज्य के कई अन्य बड़े-बड़े स्मारकों को आसानी से देखा जा सकता है।
  • चारमीनार के भीतर एक गुप्त सुरंग बनाई गई है जिसे गोलकोण्डा फोर्ट से जोड़ा गया है। कहा जाता है कि इस सुरंग का निर्माण सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने रहस्यमय तरीके से करवाया था।
  • इस इमारत के निर्माण में कई गणितीय एवं भौगोलिक अनुसंधानों का प्रयोग किया गया था। यह अपने समय की सबसे आधुनिक एवं अद्भुत इमारत मानी जाती थी।
  • चारमीनार भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है जहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।

चारमीनार का प्रवेश शुल्क

चारमीनार का प्रवेश शुल्क – Charminar Entry Fee

सभी भारतीय नागरिकों के लिए चारमीनार का प्रवेश शुल्क केवल ₹5 प्रति व्यक्ति निश्चित किया गया है। वहीं विदेशी नागरिकों के लिए यह प्रवेश शुल्क ₹100 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है। 15 वर्ष के कम उम्र के बच्चों एवं विद्यार्थियों के लिए यह प्रवेश शुल्क नि:शुल्क रखा गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चारमीनार प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है।

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चारमीनार कैसे पहुंचे – How To Reach Charminar

चारमीनार का दीदार करने के लिए आप रोड, रेल एवं वायु तीनों माध्यम से आ सकते हैं। यहां का निकटतम बस स्टॉप लगभग 800 मीटर की दूरी पर स्थित है जिसका नाम चारमीनार बस स्टॉप है। रेलगाड़ी के माध्यम से आने के लिए आपको हैदराबाद डेक्कन रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा जो चारमीनार से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यदि आप हवाई माध्यम से आना चाहते हैं तो आपको राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरना होगा जो चारमीनार से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

चारमीनार के आसपास घूमने की अन्य जगहें 
  • मक्का मस्जिद
  • सालार जंग संग्रहालय
  • लाड बाजार
  • नेहरू जूलॉजिकल पार्क आदि।

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