काशी विश्वनाथ मंदिर – एक अद्भुत मंदिर Kashi Vishwanath Temple – A Wonderful Temple 2024

काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह भगवान शिव का एक भव्य मंदिर है जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी नामक जिले में स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव का दूसरा ज्योतिर्लिंग मौजूद है जिसके दर्शन के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। कहा जाता है कि काशी के इस सुंदर मंदिर में मौजूद ज्योतिर्लिंग में स्वयं भगवान शिव एवं मां पार्वती जी एक साथ विराजमान है जिसके दर्शन मात्र से ही भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास
काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास History of Kashi Vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है जिसकी स्थापना वर्ष 1780 में महारानी अहिल्याबाई होलकर के द्वारा कराई गई थी। यह भव्य मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी तट पर बनाया गया है जिसकी महिमा से धरती का लगभग हर प्राणी परिचित है। कहा जाता है कि इस मंदिर को इतिहास में मुस्लिम शासकों द्वारा कई बार विध्वंस करने का प्रयास किया गया था।

कुछ आंकड़ों के अनुसार इस मंदिर को 1994 ईस्वी में मोहम्मद गौरी, 1447 ईस्वी में सुल्तान महमूद शाह एवं 1632 ईस्वी में शाहजहां के द्वारा भेजी गई सेना ने इस मंदिर को विध्वंस करने का प्रयास किया था और अंत में 18 अप्रैल वर्ष 1679 में औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर के कई बड़े-बड़े हिस्सों को ध्वस्त कर दिया था। परंतु हिंदू राजाओं ने समय-समय पर इस मंदिर के परिसर को पुनः निर्माण करवा के इस बार-बार संरक्षित किया था जिसके कारण इसका अस्तित्व आज तक जीवित है।

काशी विश्वनाथ मंदिर की महिमा Glory of Kashi Vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर प्राचीन काल से ही शिव भक्तों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहा है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में स्थित भगवान शिव रूपी ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने के बाद पवित्र मां गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह मंदिर हिंदू धर्म में सर्वाधिक महत्व रखने वाला मंदिर है जिसे हिंदू धर्म के लोग एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में भी जानते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर की कहानी
काशी विश्वनाथ मंदिर की कहानी Story of Kashi Vishwanath Temple

प्राचीन लोक कथाओं के अनुसार जब भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते थे तो उस दौरान माता पार्वती अपने पिता के घर में धरती पर रहती थी। भोलेनाथ और मां पार्वती के विवाह के बाद जब भगवान शिव माता पार्वती से मिलने आए तब मां पार्वती जी ने भगवान शिव को अपने साथ चलने का आग्रह किया। कहा जाता है कि भगवान शिव माता पार्वती की बात मानकर उनके साथ चल पड़े एवं काशी में ही बस गए।

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काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े रहस्य Mysteries Related To Kashi Vishwanath Temple
  1. हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव की यह काशी नामक नगरी त्रिशूल के नोक पर बसी हुई है जिसे बाबा विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है।
  2. काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से दूसरा ज्योतिर्लिंग मौजूद है जिसका दर्शन करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  3. काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने से पहले बाबा भैरवनाथ के दर्शन करना बेहद अनिवार्य माना जाता है। मान्यता है कि बाबा भैरवनाथ के दर्शन के बिना भक्तों को उनके फल की प्राप्ति नहीं होती है।
  4. हिंदू मान्यताओं के अनुसार बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने से व्यक्ति सभी सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है और उसे जीवन के अंतिम समय में मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को मोक्षदायिनी के नाम से भी जाना जाता है।
  5. काशी विश्वनाथ मंदिर में मौजूद प्रमुख शिवलिंग लगभग 60 सेंटीमीटर लंबा एवं 90 सेंटीमीटर की परिधि में है जिसके दर्शन करने के लिए देश-विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं।
  6. इस मंदिर के आसपास के परिसर में भगवान विष्णु, भगवान श्री गणेश, माता पार्वती, शनिदेव, कार्तिकेय, काल भैरव आदि के छोटे-छोटे मंदिर भी मौजूद हैं जिनके दर्शन करने से श्रद्धालुओं को सुख की अनुभूति होती है।
  7. कहा जाता है कि एक बार काशी में भगवान श्री हरिविष्णु के आंसू गिरे थे जिसके प्रभाव से यहां पर बिंदु सरोवर का निर्माण हुआ था।
  8. काशी विश्वनाथ मंदिर में विश्वनाथ को प्रमुख देवता के रूप में पूजा जाता है जिन्हें विश्वेश्वर (ब्रह्मांड के भगवान) के नाम से भी जाना जाता है।
  9. काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में एक कुआं स्थित है जिसे ज्ञानवापी कुआं के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय इतिहास के सबसे पुराने कुएं में से एक है जिसका संकेत स्कंद पुराण में भी देखने को मिलते हैं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार मुस्लिम शासको के आक्रमण के दौरान इस मंदिर की प्रमुख शिवलिंग को इसी कुएं में छुपाया गया था।
  10. काशी में स्थित विश्वनाथ मंदिर हिंदुओं के प्रमुख मंदिरों में से एक है क्योंकि इस स्थान पर स्वयं भगवान शिव एवं माता पार्वती का निवास स्थान मौजूद है।
काशी विश्वनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
काशी विश्वनाथ मंदिर कैसे पहुंचे How To Reach Kashi Vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने के लिए आप सड़क, रेल एवं हवाई तीनों ही माध्यम से आ सकते हैं। सड़क मार्ग से आने के लिए आपको वाराणसी बस अड्डे पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेल मार्ग से आने के लिए आपको काशी रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एवं हवाई मार्ग से आने के लिए आपको वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

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