केदारनाथ मंदिर – भारत का एक महान मंदिर Kedarnath Temple – A Great Temple of India 2024

केदारनाथ मंदिर उत्तरी भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग नामक जिले में स्थित है। इस मंदिर को हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंदिर है जहां पर प्रतिवर्ष भारी मात्रा में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है जिसके चारों ओर खूबसूरत बर्फीली पहाड़ियां मौजूद है। यह स्थान शिव भक्तों के लिए सर्वोत्तम स्थान माना गया है।

केदारनाथ मंदिर का इतिहास
केदारनाथ मंदिर का इतिहास History of Kedarnath Temple

केदारनाथ मंदिर को केदारनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है जिसकी स्थापना 8वीं से 9वीं सदी के मध्य आदि गुरु शंकराचार्य के द्वारा की गई थी। हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इस मंदिर का निर्माण द्वापर युग में ही कर दिया गया था। केदारनाथ मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि इस मंदिर में मौजूद भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में स्वयं भोलेनाथ का पवित्र निवास स्थान मौजूद है जिनके दर्शन करने मात्र से ही भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं एवं उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।

केदारनाथ मंदिर की महिमा Glory of Kedarnath Temple

हिंदू धर्म के अनुसार, केदारनाथ मंदिर में मौजूद शिवलिंग प्राकृतिक रूप से पृथ्वी, जल, वायु, आकाश एवं अग्नि से मिलकर बनी है। कहा जाता है कि भगवान शिव इस मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं जिसके कारण यहां पर प्रतिवर्ष देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। भोलेनाथ के इस मंदिर का निर्माण मंदाकिनी नदी के घाट पर किया गया है जो गंगा नदी की एक सहायक नदी मानी जाती है। केदारनाथ मंदिर केवल आध्यात्मिक रूप से ही नहीं बल्कि प्राकृतिक रूप से भी बेहद सुंदर है।

केदारनाथ मंदिर की कहानी
केदारनाथ मंदिर की कहानी Story of Kedarnath Temple

एक प्राचीन कथा के अनुसार, महाभारत का युद्ध समाप्त हो जाने के बाद पांडवों पर अपने भाइयों एवं सगे संबंधियों की हत्या का दोष लग गया था तब उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से दोष मुक्त होने का सुझाव मांगा। इसपर भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को भगवान शिव की आराधना करने एवं उनसे क्षमा मांगने का सुझाव दिया था। इसके बाद पांडवों ने भगवान शिव की पूजा-आराधना करने के लिए एक स्थान को चुना एवं वहां पर पूजा करना आरंभ कर दिया जिसे बाद में केदारनाथ मंदिर के नाम से जाना जाने लगा। कहते हैं कि पांडवों की पूजा खत्म हो जाने के बाद इस स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य ने दोबारा भगवान शिव के इस भव्य मंदिर को स्थापित किया था।

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केदारनाथ मंदिर के टॉप 10 रोचक तथ्य
केदारनाथ मंदिर के टॉप 10 रोचक तथ्य Top 10 Interesting Facts About Kedarnath Temple
  1. हिंदू मान्यताओं के अनुसार केदारनाथ मंदिर के परिसर में बहने वाली हवा सीधे स्वर्ग से आती है।
  2. कहा जाता है कि केदारनाथ मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ऊंचाई पर बसा हुआ है। केदारनाथ धाम की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3583 मीटर (11,755 फीट) है।
  3. केदारनाथ उत्तराखंड के चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री एवं बद्रीनाथ जैसे प्रमुख स्थल भी शामिल है।
  4. हिंदू धर्म के अनुसार पांडवों ने धरती पर पांच स्थानों पर मंदिरों का निर्माण किया था जिसमें से एक बाबा केदारनाथ है। ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ की तीर्थ यात्रा करने के बाद मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  5. यह मंदिर सुंदर बर्फीली पहाड़ियों, नदियों एवं घाटियों से घिरा हुआ एक प्राकृतिक स्थान है जो रोमांच पसंद करने वाले लोगों के लिए एक प्रसिद्ध गंतव्य है।
  6. यह मंदिर भक्तों के लिए प्रत्येक वर्ष केवल 6 माह ही खुला रहता है। इस मंदिर के कपाट को मई के महीने में अक्षय तृतीया के दिन खोला जाता है एवं दिवाली के अगले दिन यानी गोवर्धन पूजा के दिन इसके कपाट को अगले 6 माह तक के लिए बंद कर दिया जाता है।
  7. केदारनाथ मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर श्री भैरवनाथ मंदिर की स्थापना करी गई है। मान्यता है कि श्री भैरवनाथ इस मंदिर के परिसर को सदैव सुरक्षा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि केदारनाथ मंदिर के दर्शन के बाद भैरवनाथ मंदिर का दर्शन करना बेहद आवश्यक है क्योंकि इसके बाद ही केदारनाथ की यात्रा पूर्ण मानी जाती है।
  8. कहा जाता है कि इस मंदिर में एक अखंड ज्योत है जो सदैव जलती रहती है।
  9. वर्ष 2013 में केदारनाथ में एक प्राकृतिक आपदा आई थी जिसमें लगभग दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई थी। कहा जाता है कि इस आपदा में केदारनाथ जाने के सभी मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे परंतु आश्चर्य की बात यह है कि इस मंदिर को किसी भी प्रकार की कोई भी हानि नहीं हुई थी।
  10. केदारनाथ मंदिर को भारत के सबसे शक्तिशाली एवं अलौकिक मंदिरों में से एक माना जाता है जिसकी महिमा को देखते हुए वर्ष 2018 में इस पर एक फिल्म भी बनाई गई थी।

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केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे
केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे How To Reach Kedarnath Temple

बाबा केदारनाथ मंदिर पहुंचने के लिए आप सड़क एवं हवाई दोनों ही मार्ग से आ सकते हैं। इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राजमार्ग सेवाएं संचालित की जाती हैं जो आपको बस एवं टैक्सी के माध्यम से केदारनाथ धाम तक पहुंचाती हैं। इसके अलावा यदि आप हेलीकॉप्टर सेवा से केदारनाथ मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो आपको हरिद्वार, देहरादून एवं गुप्तकाशी से हेलीकॉप्टर सेवा लेनी होगी जिससे आप बेहद कम समय में यहां तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए पालकी सेवा भी उपलब्ध है जो आपको पालकी के माध्यम से केदारनाथ धाम तक ले जाती है। इसके साथ ही यदि आप पैदल यात्रा करके केदारनाथ धाम तक पहुंचाना चाहते हैं तो आप अपनी यात्रा को गौरीकुंड (14 किलोमीटर) या सोनप्रयाग (21 किलोमीटर) से भी शुरू कर सकते हैं।

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