स्टैचू ऑफ यूनिटी भारत के गुजरात के केवड़िया नामक जिले में स्थित है। यह केवल भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की भी सबसे ऊंची प्रतिमा है। इस मूर्ति की ऊंचाई 182 मीटर (597 फीट) है। इस प्रतिमा का निर्माण कार्य 31 अक्टूबर वर्ष 2018 को पूरा किया गया था जो भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं प्रथम गृहमंत्री रह चुके सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाई गई एक अद्भुत प्रतिमा है। सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत के ‘लोह पुरुष’ (Iron Man of India) के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
स्टैचू ऑफ यूनिटी का ऐतिहासिक महत्व Historical Importance of Statue of Unity
स्टेचू ऑफ यूनिटी का शिलान्यास गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2013 में सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिवस के मौके पर रखा था जिसके लगभग 5 वर्षों बाद वर्ष 2018 में स्टैचू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया गया था। यह भारत की सबसे ऊंची प्रतिमा है जिसे देखने के लिए प्रतिदिन यहां पर भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश को आजादी दिलाने में एक अहम भूमिका निभाई थी जिसके कारण उन्हें देशभर में काफी सम्मानित किया जाता था। यह उनकी सबसे ऊंची, विशाल एवं भव्य प्रतिमा है जिसे करीब 5 किलोमीटर की दूरी से भी आसानी से देखा जा सकता है।
स्टैचू ऑफ यूनिटी की विशेषता Features of Statue of Unity
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी की कई विशेषताएं हैं जैसे:-
- यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इस मूर्ति के बाद चीन की स्प्रिंग टैंपल बुद्ध प्रतिमा दूसरे नंबर पर आती है जिसकी ऊंचाई लगभग 153 मीटर है।
- इस प्रतिमा के निर्माण में लगभग 5700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा इस मूर्ति को बनाने में लगभग 18000 से अधिक मेट्रिक टन सरिया का भी इस्तेमाल किया गया है।
- इस प्रतिमा का दीदार करने के लिए दर्शकों के लिए लगभग 153 मीटर लंबी गैलरी का निर्माण किया गया है जिसमें एक साथ लगभग 200 लोग आ सकते हैं।
- स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का निर्माण करने के लिए भारत सरकार ने देश के नागरिकों से लोहा दान करने की मांग की थी। कहा जाता है कि इस प्रतिमा को बनाने के लिए देश के कई हिस्सों से लोहा दान में मंगाया गया था जिसे पिघलाकर इस प्रतिमा का निर्माण कार्य पूरा किया गया था।
- स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है कि इस प्रतिमा पर तेज हवाओं एवं भूकंप के झटकों का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ सकता है।
- भारतीय मीडिया के अनुसार स्टैचू ऑफ यूनिटी को बनाने में लगभग 3000 करोड रुपए का खर्च आया था जिसके कारण कुछ नागरिकों ने इस प्रतिमा का जमकर विरोध भी किया था।
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स्टैचू ऑफ यूनिटी को बनाने का मुख्य उद्देश्य The Main Objective of Building the Statue of Unity
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का निर्माण करने का प्रमुख उद्देश्य सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देना एवं भारत को एकजुट करना था। सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले उप प्रधानमंत्री थे जिन्हें देशभर में त्याग एवं बलिदान के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि इन्होंने देश की आजादी के लिए अथक प्रयास किए थे जिसके कारण इन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। इसके अलावा सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता भी थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद कई रियासतों का एकीकरण करने का महत्वपूर्ण कार्य किया था।
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी कैसे पहुंचे How To Reach Statue of Unity
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देखने के लिए आप सड़क, रेल एवं हवाई तीनों ही माध्यम का सहारा ले सकते हैं। सड़क मार्ग से आने के लिए आपको एकता नगर (केवड़िया) बस अड्डे पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेल मार्ग से आने के लिए आपको वडोदरा रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर उतरने के बाद आपको कोई टैक्सी या कैब का सहारा लेना होगा जो आपको मात्र 1.4 घंटे में स्टैचू ऑफ यूनिटी तक पहुंचा देगी। इसके अलावा यदि आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो आपको वडोदरा एयरपोर्ट पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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स्टैचू ऑफ यूनिटी के आसपास मौजूद अन्य पर्यटन स्थल Other Tourist Places Around The Statue of Unity
स्टैचू ऑफ यूनिटी के आसपास कई अन्य पर्यटक स्थल भी मौजूद है जैसे:-
- वैली ऑफ़ फ्लावर्स
- सरदार सरोवर डैम
- सरदार पटेल जूलॉजिकल पार्क एवं सफारी
- चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क
- पंचमली लेक इत्यादि।
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