मॉब लिंचिंग: एक सामाजिक हिंसा Mob Lynching: A Social Violence 2024

मॉब लिंचिंग यानी भीड़ के द्वारा की जाने वाली हिंसा। यह हमारे समाज की एक बेहद गंभीर एवं चिंताजनक समस्या के रूप में उजागर हुई है जिसमें किसी एक व्यक्ति या समूह को भीड़ के द्वारा बुरी तरह पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है। आमतौर पर इस प्रकार की घटनाएं तब देखने को मिलती हैं जब भीड़ कानून को अपने हाथ में लेकर किसी दोषी को कथित रूप से अपराध के लिए सजा देती है। भीड़ हिंसा के अधिकांश मामलों में दोषी की मृत्यु तक हो जाती है। यह एक बेहद गंभीर समस्या है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में देखी जाती है। हाल ही में भारत में मॉब लिंचिंग के मामले तेजी से उजागर हुए हैं।

मॉब लिंचिंग के दुष्प्रभाव Side Effects of Mob Lynching

मॉब लिंचिंग की बढ़ती हुई घटनाओं के कारण शोषित वर्ग के लोगों एवं समुदाय में एक भय का माहौल पैदा होता है जिसके कारण उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक रूप से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह एक ऐसी समस्या है जिससे कानून व्यवस्था पर कई बड़े सवाल उठते हैं। मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने भीड़ हिंसा को ‘भीड़ तंत्र के एक भयावह कृत्य’ का नाम दिया था और साथ ही राज्य एवं केंद्र सरकार को इस विषय पर सख्त कानून बनाने के दिशा-निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के कड़े निर्देशों के बाद भी देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है।

मॉब लिंचिंग के दुष्प्रभाव
picture source: the economic times

अधिक जानकारी के लिए यहां देखें

मॉब लिंचिंग के परिणाम Consequences of Mob Lynching

मॉब लिंचिंग के कई गंभीर परिणाम होते हैं। इसके कारण समाज में भय एवं असुरक्षा का माहौल पैदा होता है जिसके कारण लोगों का न्याय व्यवस्था एवं कानून प्रणाली से भी विश्वास उठने लगता है। इसके अलावा भीड़ हिंसा में भीड़ के द्वारा दोषी की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है जिसके अधिकांश मामलों में निर्दोष लोगों की मृत्यु तक हो जाती है और उनके परिजनों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। वैसे तो भारतीय संविधान के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का मौलिक अधिकार प्राप्त है परंतु इसके बाद भी इस तरह की हृदयविदारक घटनाएं समाज में जन्म लेती हैं। भीड़ हिंसा के कारण व्यक्ति के मौलिक अधिकार का हनन होता है जो भारतीय संविधान के दृष्टिकोण से बिल्कुल भी उचित नहीं है।

मॉब लिंचिंग के कारण Reason For Mob Lynching

मॉब लिंचिंग के कई कारण हो सकते हैं जैसे:-

  • कमजोर कानून व्यवस्था
  • सोशल मीडिया
  • धार्मिक या सांप्रदायिक तनाव
  • राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु हिंसा

कमजोर कानून व्यवस्था

भीड़ हिंसा के लगभग सभी मामलों में कमजोर कानून व्यवस्था की एक अहम भूमिका होती है जिसमें भीड़ पूर्ण रूप से कानून को अपने हाथ में लेकर दोषी को स्वयं ही सजा देती है। मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए लोगों में कड़े कानून के प्रति डर की भावना होना बेहद जरूरी है। अक्सर देखा जाता है कि न्याय व्यवस्था में देरी होने एवं पुलिस के लापरवाही के कारण भीड़ के द्वारा ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।

सोशल मीडिया

अक्सर सोशल मीडिया एवं अन्य सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों के बीच गलत जानकारी फैल जाती है जिसके कारण लोगों में आक्रोश की भावना, धार्मिक अपमान, गौहत्या एवं बच्चा चोरी होने जैसा डर पैदा हो जाता है। इस प्रकार की गलतफहमी होने के कारण लोगों में भय एवं आक्रोश की स्थिति पैदा होती है जिससे वह हिंसक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं और बिना किसी प्रमाण के दोषी को पीट-पीटकर मार डालते हैं।

धार्मिक या सांप्रदायिक तनाव

भारत एक विविधतापूर्ण देश है जिसके कारण प्रशासन को अक्सर धार्मिक एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा होने का डर रहता है। धार्मिक या सांप्रदायिक तनाव भीड़ हिंसा का एक मुख्य कारक माना जाता है क्योंकि भारतीय इतिहास में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें विभिन्न समुदाय के बीच भारी तनाव एवं हिंसा हुई है। इस प्रकार की घटनाओं के कारण समाज में विभाजन एवं अविश्वास की स्थिति उत्पन्न होती है जिससे भीड़ के द्वारा हिंसा किए जाने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाती हैं।

राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु हिंसा

राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए या सत्ता पर बने रहने के लिए कई राजनीतिक दल धार्मिक एवं जातीय ध्रुवीकरण का सहारा लेते हैं जिसके कारण कई बार समाज में धार्मिक एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस स्थिति में कई लोग हिंसक हो जाते हैं और कानून को हाथ में लेकर मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।

मॉब लिंचिंग का समाधान
picture source: DNA India
मॉब लिंचिंग का समाधान Solution of Mob Lynching

मॉब लिंचिंग जैसी गंभीर समस्या से बचने के लिए देश की सरकार को सामाजिक, कानूनी, शिक्षा क्षेत्र एवं प्रशासनिक रूप से कई बदलाव करने होंगे।

सामाजिक रूप से

केंद्र सरकार को चाहिए कि वह समय-समय पर सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर लोगों के बीच भीड़ हिंसा के प्रति जागरूकता फैलाएं। देश के सभी बड़े शिक्षा संस्थानों में मॉब लिंचिंग के प्रति जागरूकता कार्यक्रम को आयोजित करके देश की युवा पीढ़ी को इस समस्या की गंभीरता के बारे में जागरूक करें।

कानूनी एवं प्रशासनिक उपाय

देश में बढ़ती हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए देश की सरकार को विशेष प्रकार का कानून बनाना होगा जिससे समाज में कानून के प्रति डर को बनाए रखा जा सके। इसके लिए पुलिस एवं प्रशासनिक बल को बेहतर प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए जिससे वह भीड़ हिंसा जैसी गंभीर घटनाओं को कुशलतापूर्वक रोकने में समर्थ हो सकें।

शिक्षा क्षेत्र को बेहतर करके

भीड़ हिंसा एक बहुत बड़ी एवं गंभीर समस्या है जिसके कारण देश के युवाओं को इस समस्या के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। अक्सर देखा जाता है कि जब भी समाज में इस प्रकार की घटनाएं होती हैं तो देश के अधिकांश युवा आक्रोशित भीड़ को रोकने के बजाय मोबाइल पर पुरे घटनाक्रम की फोटो एवं वीडियो बनाते हैं। इसीलिए यह बेहद जरूरी है कि युवा पीढ़ी को भीड़ हिंसा की गंभीरता के प्रति बताया जाए ताकि वह मानसिक रूप से इस प्रकार की घटनाओं को रोकने का सामर्थ जुटा सकें।

हमारा अन्य आर्टिकल: भानगढ़ किला

Leave a Comment