बड़ा इमामबाड़ा भारत के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित एक खूबसूरत इमारत है। यह देश के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है जिसे भूल-भुलैया के नाम से भी जाना जाता है। यह लखनऊ शहर का एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है जहां पर रोजाना भारी संख्या में सैलानी आते हैं।
बड़ा इमामबाड़ा को भारतीय इतिहास का एक अद्भुत नमूना भी माना जाता है क्योंकि इस इमारत के निर्माण में किसी भी लोहे या पत्थर के बीम का प्रयोग नहीं किया गया है। इस इमारत का मुख्य कक्ष लगभग 50 मीटर लंबा एवं 16 मीटर चौड़ा है। इसके अलावा इसके केंद्रीय कक्ष की छत लगभग 15 मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर बनाई गई है जिसके लिए किसी भी प्रकार के स्तंभ या खंभे का प्रयोग नहीं किया गया है जो अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं है।
बड़ा इमामबाड़ा का इतिहास History of Bada Imambara
बड़ा इमामबाड़ा का निर्माण वर्ष 1784 में अवध के नवाब आसफ-उद-दौला ने अकाल पड़ जाने की स्थिति में लोगों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से करवाया था। कहा जाता है कि इस इमारत को बनाने के लिए हजारों-लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए थे जिसके कारण उन्हें अकाल के स्थिति में आर्थिक रूप से राहत मिली थी। कुछ इतिहासकारों के अनुसार इस इमारत को बनाने के लिए दिल्ली से उत्कृष्ट कारीगरों को बुलाया गया था। इसे बनाने के लिए 11 वर्ष का समय लगा था। वर्तमान समय में इस स्थान को उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है जहां पर प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
बड़ा इमामबाड़ा क्यों प्रसिद्ध है Why is Bada Imambara Famous?
बड़ा इमामबाड़ा उत्तर प्रदेश के लखनऊ की सबसे महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक इमारत है जिसका निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। इसे लखनऊ की शान भी कहा जाता है क्योंकि यह देखने में बेहद अद्भुत एवं शानदार लगता है। लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा से संबंधित एक मशहूर कहावत है, जिसको ना दे मौला उसको दे आसफ-उद-दौला।
दरअसल इस इमारत को आसफ-उद-दौला ने अकाल परियोजना के तहत बनाया था जिसका उद्देश्य यह था कि अकाल के प्रभाव से राज्य की जनता को बचाया जा सके। यह इमारत वास्तव में एक बेहतरीन वस्तुकला का उदाहरण है जिसके कारण दुनिया भर से लोग इस इमारत का दीदार करने के लिए आते हैं।
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बड़ा इमामबाड़ा से जुड़े रोचक तथ्य Interesting Facts Related To Bada Imambara
- इस इमारत को भूल भुलैया भी कहा जाता है क्योंकि इसके भीतर लगभग 1000 से भी अधिक रास्ते बनाये गए हैं जिनमें से केवल कुछ ही इसके केंद्र बिंदु यानी मुख्य हॉल तक ले जाते हैं।
- इस इमारत के भीतर कई रहस्यमयी दरवाजे मौजूद है जिससे होकर गुजरने पर अक्सर लोग इसके माध्यम से रास्ते भूल जाते हैं। विशेषज्ञों की माने तो इसके भीतर लगभग 480 से भी अधिक रहस्यमयी दरवाजे हैं।
- यह इमारत वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है क्योंकि इस पूरे इमारत के अंदर किसी भी प्रकार की बीम या खंभों का प्रयोग नहीं किया गया है।
- बड़ा इमामबाड़ा के मुख्य प्रवेश द्वार को रूमी दरवाजा एवं तुर्की गेट के नाम से भी जाना जाता है। यह इमारत अपने प्रवेश द्वार के लिए देश भर में प्रसिद्ध है।
- इस इमारत को न केवल भारत के ऐतिहासिक इमारत के रूप में जाना जाता है बल्कि इसे मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इस इमारत के बाहरी परिसर में प्रतिवर्ष नियमित रूप से मोहर्रम के अवसर पर जुलूस का आयोजन किया जाता है।
- इस इमारत के परिसर में एक शानदार शाही बावली मौजूद है इसके इर्द-गिर्द सीढ़ियां बनाई गई है। कहा जाता है कि यह शाही बावली गोमती नदी से जुड़ी हुई है जिसके जल को भूमिगत स्रोत के रूप में भी प्रयोग किया जाता था।
- इस इमारत को वर्तमान समय में भी लखनऊ की शान कहा जाता है जिसके कारण यहां पर प्रतिवर्ष हजारों लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं।
- इस इमारत के छत पर जाने के लिए 80 से भी अधिक सीढ़ियों का निर्माण किया गया है जिस पर चढ़कर कोई भी अनजान व्यक्ति भ्रम में पड़ सकता है।
- स्थानीय लोगों के अनुसार इस इमारत के भीतर आसिफी मस्जिद मौजूद है जहां पर गैर मुसलमानों का प्रवेश करना पूर्ण रूप से वर्जित है।
- कुछ इतिहासकारों के अनुसार बड़ा इमामबाड़ा के भीतर के रास्ते कुछ इस हद तक खतरनाक है कि उनमें फंसकर कई लोग अपनी जान तक गवा चुके हैं। इसीलिए प्रशासन ने उन रास्तों को अब सुरक्षा कारणों से हमेशा के लिए बंद कर दिया है।
बड़ा इमामबाड़ा कैसे पहुंचे How To Reach Bada Imambara
बड़ा इमामबाड़ा तक पहुंचाने के लिए आप सड़क, रेल एवं हवाई तीनों ही माध्यम से आ सकते हैं। सड़क मार्ग से आने के लिए आपको चारबाग बस अड्डे पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेल मार्ग से आने के लिए आपको चारबाग रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा जो यहां से लगभग 5.2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यदि आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो लखनऊ के नजदीकी हवाई अड्डे चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उतरना होगा जो यहां से केवल 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बड़ा इमामबाड़ा के आसपास घूमने की अन्य जगहें Other Places To Visit Around Bada Imambara
- छोटा इमामबाड़ा
- रूमी दरवाजा
- ब्रिटिश निवास
- दिलकुशा कोठी
- छत्तर मंजिल
- घंटाघर
- मरीन ड्राइव लखनऊ
- जनेश्वर मिश्र पार्क
- अंबेडकर पार्क
- चंद्रिका देवी मंदिर इत्यादि।
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