बांधवगढ़ नेशनल पार्क Bandhavgarh National Park 2024

बांधवगढ़ नेशनल पार्क भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उमरिया नामक जिले में स्थित है जो मुख्य रूप से एक वन्य अभ्यारण्य है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जिसमें विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का प्राकृतिक निवास स्थान मौजूद है। 1536 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ यह विशाल जंगल भारत का 22वां बाघ अभ्यारण्य है। हाल ही में हुई वन्य जीव जनगणना के अनुसार इस राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 165 बाघों की संख्या पायी गई है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में जंगली जीवों का मिश्रित संगम देखने को मिलता है जो इसे विशेष बनता है। वन्य जीव प्रेमियों के लिए यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को भी संरक्षित करके रखा गया है। इस खूबसूरत एवं शानदार उद्यान को देखने के लिए प्रतिदिन देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क का इतिहास
बांधवगढ़ नेशनल पार्क का इतिहास – History of Bandhavgarh National Park

बांधवगढ़ नेशनल पार्क को वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। शुरुआती दौर में यह उद्यान केवल 105 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में सीमित था परंतु वर्तमान समय में इस उद्यान की सीमाएं लगभग 437 वर्ग किलोमीटर तक विस्तारित की जा चुकी हैं। यह उद्यान वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक बेहतर स्थान माना जाता है क्योंकि यहां पर विभिन्न प्रकार के जानवरों एवं पक्षियों के साथ-साथ सुंदर वृक्षों के घने जंगल भी पाए जाते हैं।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में कौन-कौन से जानवर हैं? – What Animals Are There In Bandhavgarh National Park?

इस उद्यान के अंदर मुख्य रूप से बंगाल टाइगर, चीता, हिरण आदि के साथ-साथ अन्य जानवर भी पाए जाते हैं जैसे तेंदुआ, सांभर, सरीसृप, चीतल, हाथी, सियार, जंगली कुत्ते, लोथ बियर, आदि। इसके अलावा इस अभ्यारण्य में पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां भी पाई जाती हैं जिसमें मुख्य रूप से मोर, होर्निबल, बगुला, तोता, उल्लू आदि जैसे सुंदर पक्षी शामिल हैं।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है
बांधवगढ़ नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है – Why is Bandhavgarh National Park Famous?

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत के ऐतिहासिक स्थान में से एक माना जाता है जो विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं से भरा हुआ है। कहा जाता है कि इस उद्यान में जानवरों की लगभग 22 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क के रोचक तथ्य
बांधवगढ़ नेशनल पार्क के रोचक तथ्य – Interesting Facts About Bandhavgarh National Park
  • भारत के अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में बड़ी मशक्कत के बाद किसी बाघ के दर्शन होते हैं परंतु बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान भारत का एकमात्र ऐसा उद्यान जहां पर आपको आसानी से बाघ घूमते हुए दिखाई दे सकते हैं क्योंकि यहां बाघों की संख्या काफी अधिक है।
  • बांधवगढ़ नेशनल पार्क भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जिसके अंदर बाघों के साथ-साथ अन्य लुप्तप्राय जानवरों की भी कई प्रजातियों को संरक्षित करके रखा गया है।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल भारत के अन्य प्रमुख उद्यानों की तुलना में छोटा है जिसके कारण इसमें रह रहे पशु-पक्षियों को देखना बेहद आसान है। इस उद्यान में मौजूद ‘ताला जोन’ जानवरों को देखने के लिए सबसे अच्छी जगह मानी जाती है।
  • बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बाघों की अधिक संख्या होने के कारण इसे वर्ष 1993 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व’ की सूची में शामिल किया गया था।
  • कहा जाता है कि प्राचीन काल में बांधवगढ़ के चारों ओर फैले जंगली क्षेत्र की देखरेख रीवा के महाराजा ‘पुष्पराज सिंह’ के द्वारा की जाती थी। वह इस जंगल को एक शिकारगाह के रूप में प्रयोग किया करते थे। इसके बाद भारतीय सरकार ने इस क्षेत्र पर शिकार करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर इसमें रह रहे जानवरों को संरक्षित किया था।
  • बांधवगढ़ नेशनल पार्क में लगभग 39 गुफाएं हैं जो देखने में बेहद आकर्षक लगती हैं। हालांकि इन सभी गुफाओं में से केवल 1 गुफा (बड़ी गुफा) को ही सार्वजनिक रूप से पर्यटकों के दर्शन के लिए खोला गया है। बाकी अन्य सभी गुफाओं में पशु-पक्षियां निवास करते हैं।
  • बांधवगढ़ नेशनल पार्क को तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है कोर जोन, बफर जोन एवं आरक्षित जोन। कोर जोन इस उद्यान का एक संरक्षित क्षेत्र है जहां पर पर्यटकों को केवल जीप सफारी के माध्यम से ही जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। बफर जोन जंगल का वह भाग है जहां पर सभी पशु-पक्षियों को आसानी से देखा जा सकता है एवं आरक्षित जोन जंगल का बाप भू-भाग है जहां पर जंगल के जानवर स्वतंत्र रूप से घूमते हैं एवं यहां पर किसी भी पर्यटक को जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के कोर जोन के तीन भाग हैं ताला, खितौली एवं माघड़ी। ताला कोर जंगल का सबसे पुराना क्षेत्र है जहां पर मुख्य रूप से बांधवगढ़ किला एवं बड़ी गुफा मौजूद है। इसके अलावा खितौली एवं माघड़ी कोर एक दूसरे के विपरीत स्थित है जहां पर बाघों के साथ-साथ अन्य जानवरों की भी संख्या मौजूद है।
  • बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पक्षियों की कई प्रजातियां देखी जा सकती हैं जैसे चित्रित स्पुरफाउल, सामान्य चैती, स्टॉर्क पूंछ जकाना, कठफोड़ा आदि।
  • हाल ही में बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय से संबंधित लगभग 26 गुफाओं की खोज की गई है। माना जाता है कि यह गुफाएं दूसरी एवं पांचवी शताब्दी के दौरान बनाई गई थी।

अधिक जानकारी के लिए यहां देखें

बांधवगढ़ नेशनल पार्क जीप सफारी बुकिंग – Bandhavgarh National Park Jeep Safari Booking

बांधवगढ़ नेशनल पार्क जीप सफारी का शुल्क सभी भारतीय नागरिकों के लिए ₹7000 से लेकर ₹8000 तक का होता है जिसमें प्रति व्यक्ति ₹1600 से ₹1800 तक का खर्च आता है। वही विदेशी पर्यटकों के लिए जीप सफारी का शुल्क ₹12000 से लेकर 13000 रुपए तक का आता है जिसमें प्रति व्यक्ति ₹2000 से ₹2200 तक का खर्च आता है। यदि आप बांधवगढ़ नेशनल पार्क घूमने का प्लान कर रहे हैं तो हम आपको अक्टूबर से मार्च के बीच के समय में घूमने का सुझाव देंगे क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान लगभग 10 डिग्री तक गिर जाता है और यहां का मौसम भी बेहद सुहावना हो जाता है।

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बांधवगढ़ नेशनल पार्क के आसपास अन्य पर्यटक स्थल – Other Tourist Places Around Bandhavgarh National Park

बांधवगढ़ नेशनल पार्क के आसपास कई पर्यटक स्थल मौजूद हैं जैसे:-

  • बांधवगढ़ किला
  • बघेल म्यूजियम
  • फॉसिल नेशनल पार्क
  • ताला गांव इत्यादि।

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