कुतुब मीनार भारत की राजधानी दिल्ली के महरौली शहर में स्थित है। यह केवल भारत का ही नहीं बल्कि विश्व के भी बेहतरीन स्मारकों में से एक माना जाता है। यह पांच मंजिलों वाली एक ऐसी इमारत है जिसे गोल आकार में बड़ी खूबसूरती के साथ बनाया गया है। कुतुब मीनार भारत की सबसे ऊंची मीनारों में से एक है जो देखने में काफी आकर्षक लगता है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर (238 फीट) है।
कुतुब मीनार का इतिहास – History of Qutub minar
कुतुब मीनार का निर्माण कार्य कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा सन 1199 से 1220 के मध्य करवाया गया था। कहा जाता है कि कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने कुतुब मीनार के कार्य को एक नई गति प्रदान करके इसे पूर्ण किया था। कुतुब मीनार का निर्माण करने के लिए एक खास प्रकार की ईटों का प्रयोग किया गया था जो इसकी सुंदरता में और अधिक निखार लाता है। आज से कुछ वर्षों पहले तक सभी पर्यटकों के लिए कुतुब मीनार का मुख्य द्वारा खोला जाता था परंतु वर्तमान समय में कुछ सुरक्षा नियमों के कारण अब किसी भी पर्यटक को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। हालांकि, सभी पर्यटक कुतुब मीनार के नजदीक जाकर इसका दीदार कर सकते हैं। कुतुब मीनार को बनाने में बेहद कीमती एवं खूबसूरत वस्तुओं का उपयोग किया गया है। यहां अलाउद्दीन का मदरसा, इल्तुतमिश का मकबरा, अलाई मीनार आदि जैसी कुछ ऐतिहासिक चीजों का दर्शन किया जा सकता है।
कुतुब मीनार के कुछ रोचक तथ्य – Some Interesting Facts About Qutub minar
आईए जानते हैं इस खूबसूरत एवं अद्भुत कुतुब मीनार के बारे में कुछ रोचक तथ्य:-
- कुतुब मीनार के भीतर 379 सीढ़ियां मौजूद हैं जिन्हें बेहद सावधानीपूर्वक बनाया गया है। इस मीनार के भीतर जाने पर यह सीढ़ियां बेहद खूबसूरत दिखाई देती हैं। कुतुब मीनार में मौजूद इन सीढ़ियों को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है कि इन पर चलकर कुतुब मीनार के सबसे ऊपरी भाग पर पहुंचा जा सकता है। परंतु वर्ष 1981 में घाटी एक घटना के बाद इस इमारत के भीतरे हिस्से में प्रवेश करना पूर्ण रूप से वर्जित कर दिया गया था। दरअसल, 4 दिसंबर वर्ष 1981 में कुछ पर्यटकों के साथ एक भयानक हादसा हुआ था जिसमें हुई भगदड़ के कारण 40 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद प्रशासन द्वारा सभी पर्यटकों को कुतुब मीनार के अंदर जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी।
- कहा जाता है की कुतुब मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक में 12वीं शताब्दी में अंतिम हिंदू साम्राज्य शासन के अंत को चिन्हित करने के लिए किया था। यह स्मारक उस समय में मुस्लिम का प्रतिक माना जाता था।
- कुतुबुद्दीन ऐबक के शासनकाल में कुतुब मीनार को एक मस्जिद के रूप में जाना जाता था जिसे क्वावत-उल-इस्लाम के नाम से जाना जाता था। कुछ मुस्लिम शासको के अनुसार यह भारत की पहली मस्जिद थी।
- कुतुब मीनार का निर्माण आज से लगभग 2000 साल पहले किया गया था। इसके निर्माण में इतिहास का सबसे पुराना लोहा उपयोग किया गया है जिसे दिल्ली का लोह स्तंभ भी कहा जाता है। इस लोह स्तंभ को देखने के लिए दूर-दूर से भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं। इसकी खास बात यह है कि इसमें आज तक जंग नहीं लगा है जो इसे देखने में और भी आकर्षक बनाता है।
- कुतुब मीनार के परिसर में कई अन्य छोटे-बड़े स्मारक भी मौजूद हैं। इन स्मारकों में मकबरा, मस्जिद, लोह स्तंभ, अलाई दरवाजा, अलाई मीनार आदि जैसी आकर्षक इमारत को व्यवस्थित किया गया है जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं।
- कुछ इतिहासकारों का मानना है कि कुतुब मीनार को दिल्ली के तीन शासको द्वारा तीन चरणों में बनाया गया था जिनमें पहले कुतुबुद्दीन ऐबक रहे थे जिन्होंने कुतुब मीनार की नीव रखी थी, उन्होंने कुतुब मीनार के पहले दो मंजिलों का निर्माण करवाया था। इसके बाद इल्तुतमिश ने ऊपरी तीन मंजिलों का निर्माण करवाया और अंत में फिरोज शाह तुगलक ने अंतिम के मंजिलों का निर्माण करवाया था। इस प्रकार कुतुब मीनार का निर्माण कार्य तीन चरणों में पूरा किया गया था।
- कुतुब मीनार यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है। यही कारण है कि यहां प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
- कहा जाता है कि कुतुब मीनार के ऊपरी भाग पर बिजली गिरने के कारण वह क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे फिरोज शाह तुगलक ने दोबारा बनवाया था। कुतुब मीनार के ऊपरी हिस्से पर ईटों का प्रयोग ना करके तुगलक ने सफेद संगमरमर का उपयोग किया था जिसके कारण इसमें एक अलग प्रकार की चमक देखने को मिलती है।
- कुतुब मीनार को बेहद सावधानीपूर्वक एवं मजबूती के साथ बनाया गया है जिसके कारण भूकंप के छोटे-मोटे झटकों का इस पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है।
- कुतुब मीनार भारत की एकमात्र सबसे ऊंची मीनार है जो मुस्लिम साम्राज्य के प्रमुख स्थल को चिन्हित करता है।
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कुतुब मीनार : भारत के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक – Qutub Minar: One of the Famous Tourist Places of India
कुतुब मीनार भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है जिसकी सुंदरता को देखने के लिए देश-विदेश से हर साल भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं। कुतुब मीनार अपने बेहतरीन कारीगरी एवं सुंदर बनावट के लिए विश्व भर में विख्यात है। कुतुब मीनार का दीदार करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं जिससे भारतीय पर्यटक विभाग को खूब मुनाफा होता है। कुतुब मीनार की ऊंचाई एवं आकार एक सुंदर कारीगरी का नमूना पेश करती है जो इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बनती है।
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कुतुब मीनार की टिकट – Qutub Minar Tickets
भारत के मूल निवासियों के लिए कुतुब मीनार की टिकट को मात्र ₹35 निर्धारित किया गया है वहीं सभी विदेशी पर्यटकों के लिए कुतुब मीनार का टिकट ₹550 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 15 वर्ष से काम के बच्चों के लिए यह टिकट नि:शुल्क रखी गई है। कुतुब मीनार का दीदार करने के लिए नवंबर से मार्च माह के बीच का समय सबसे अच्छा माना जाता है। यदि आप कुतुब मीनार देखने की योजना बना रहे हैं तो हम आपको सलाह देंगे कि आप भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग कर लें जिससे आपके समय की बचत होगी।
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