रणथंभौर नेशनल पार्क भारत के सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध उद्यानों में से एक है जो राजस्थान के दक्षिणी जिले सवाई माधोपुर में स्थित है। 1334 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ यह अभ्यारण में देश में सबसे अधिक बंगाल टाइगरों को संरक्षित करने के लिए जाना जाता है। देशभर में यह उद्यान वन्यजीव गंतव्य के लिए बेहद लोकप्रिय है। क्षेत्रफल के आधार पर रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान भारत के अन्य प्रमुख उद्यानों से छोटा है परंतु अपने आकर्षण एवं सुंदरता के लिए यह भारत के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है। रणथंबोर का वन क्षेत्र लगभग 1334 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तारित है जिसमें से केवल 392 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र ही राष्ट्रीय उद्यान का एक महत्वपूर्ण भाग है। इस उद्यान में मौजूद पशु-पक्षियों को देखने के लिए दुनिया भर से भारी संख्या में लोग आते हैं।
रणथंभौर नेशनल पार्क का इतिहास – History of Ranthambore National Park
रणथंभौर नेशनल पार्क को वर्ष 1973 में टाइगर रिजर्व परियोजना के रूप में चयनित किया गया था जिसके लगभग 7 वर्षों बाद 1 नवंबर 1980 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया था। इस उद्यान की स्थापना वर्ष 1955 में सवाई माधोपुर खेल अभ्यारण के रूप में की गई थी जिसे बाद में राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया था। रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों को संरक्षित करके रखा गया है जिसे देखने के लिए देश-विदेश से भारी मात्रा में पर्यटक आते हैं। यह भारत के महत्वपूर्ण उद्यानों में से एक है।
रणथंभौर नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है ? – Why is Ranthambore National Park Famous?
यह नेशनल पार्क अपनी प्राकृतिक सुंदरता, विशाल जंगली क्षेत्र एवं बंगाल टाइगर की मौजूदगी के कारण देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इस उद्यान के अंदर बाघों की अधिक आबादी मौजूद है जिसके कारण इसे देश के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यानों में गिना जाता है। रणथंभौर नेशनल पार्क में बंगाल टाइगर, नीलगाय, तेंदुआ, सांभर, हिरण, चीतल, हाथी, जंगली सूअर, लकड़बग्घा आदि जैसे कई जंगली जानवरों का प्राकृतिक निवास स्थल मौजूद है।
अधिक जानकारी के लिए यहां देखें
रणथंभौर नेशनल पार्क के टॉप 10 रोचक तथ्य – Top 10 Interesting Facts About Ranthambore National Park
रणथंभौर नेशनल पार्क के टॉप 10 रोचक तथ्य कुछ इस प्रकार हैं:-
- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान का नाम राजस्थान के ऐतिहासिक ‘रणथंभौर किला’ के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि इस किले के ऊपरी भाग से जंगल का दृश्य बेहद मनमोहक लगता है।
- रणथंभौर नेशनल पार्क में तीन प्रमुख झीलें मौजूद हैं जो इसकी सुंदरता में और अधिक निखार लाती हैं। यह झीलें जंगल के बीच से होकर गुजरती हैं और जिसकी मदद से इस जंगल में मौजूद पशु पक्षियों को पर्याप्त पानी मिलता है।
- राजस्थान वन विभाग के अनुसार इस उद्यान के अंदर जानवरों की विभिन्न प्रजातियां निवास करती हैं। इनमें कई जानवरों की प्रजातियां ऐसी हैं जिन्हें संरक्षित करके रखा गया है।
- रणथंभौर नेशनल पार्क में देश का दूसरा सबसे पुराना बरगद का पेड़ मौजूद है। कहा जाता है कि इस उद्यान के भीतर लगभग 2 से 3 किलोमीटर के क्षेत्र में बरगद के सबसे पुराने पेड़ देखे जा सकते हैं।
- एक सर्वेक्षण के अनुसार रणथंभौर नेशनल पार्क में पक्षियों की लगभग 260 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। यह पक्षियां विश्व भर में अपनी सुंदरता के लिए लोकप्रिय है जो देश-विदेश के पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र भी मानी जाती हैं।
- कहा जाता है कि 19 के दशक में रणथंभौर जंगल में बाघों की सर्वाधिक संख्या पाई जाती थी परंतु जंगलों में इनका शिकार करने के कारण इनकी संख्या में तेजी से कमी आने लगी थी। इस घटना के बाद भारत सरकार ने वर्ष 1971 में बाघों के शिकार पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था।
- वर्ष 1955 में रणथंभौर नेशनल पार्क की स्थापना के लगभग 18 वर्षों बाद इसे भारत के प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व के रूप में चुना गया था एवं इस उद्यान के आसपास के जंगली क्षेत्रों को ‘सवाई मानसिंह अभयारण्य’ और ‘केलादेवी अभयारण्य’ का नाम दिया गया था।
- रणथंभौर नेशनल पार्क में कई प्रकार के जानवरों, पक्षियों एवं पेड़-पौधों के साथ-साथ कुछ ऐतिहासिक इमारतें भी मौजूद हैं जो वर्तमान समय में भी शानदार एवं संतुलित अवस्था में देखी जा सकती हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान के विभिन्न क्षेत्रों में जल निकाय मौजूद हैं जिसकी मदद से यहां मौजूद जानवरों को पीने के लिए पर्याप्त पानी मिलता है।
- रणथंभौर नेशनल पार्क में मलिक तालाब, पदम तालाब एवं राज बाग नामक तीन झीलें मौजूद हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के जलीय पौधे पाए जाते हैं।
रणथंभौर नेशनल पार्क जीप सफारी – Ranthambore National Park Jeep Safari
रणथंभौर नेशनल पार्क की जीप सफारी का शुल्क कुछ इस प्रकार है:-
- भारतीय नागरिकों के लिए (जीप 6 सीटर) ₹1800 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है।
- विदेशी मूल के पर्यटकों के लिए (जीप 6 सीटर) ₹3700 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है।
रणथंभौर नेशनल पार्क प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर से लेकर 30 जून तक सभी पर्यटकों के लिए खुला रहता है। इस उद्यान को दो प्रमुख जोन में विभाजित किया गया है ‘कोर जोन’ एवं ‘बफर जोन’। कोर जोन 1-5 तक सीमित है एवं बफर जोन 6-10 तक। सभी पर्यटकों के लिए 1-5 जोन अधिक प्रसिद्ध है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन क्षेत्रों में जंगली जीवों को देखने की संभावनाएं काफी अधिक होती हैं। रणथंभौर नेशनल पार्क में प्रवेश का समय दो पालियों में व्यवस्थित किया गया है जिसमें सुबह की पाली का समय 6:00 से लेकर 11:30 बजे तक का होता है और शाम की पाली का समय दिन के 2:00 बजे से लेकर शाम के 6:00 बजे तक का होता है।
अन्य आर्टिकल: पेंच नेशनल पार्क
रणथंभौर नेशनल पार्क के आसपास मौजूद अन्य पर्यटक स्थल – Other Tourist Places Around Ranthambore National Park
रणथंभौर नेशनल पार्क के आसपास कई पर्यटक स्थल मौजूद हैं जैसे:-
- रणथंभौर का किला
- जोगी महल
- त्रिनेत्र गणेश मंदिर
- पदम झील रणथंबोर
- सुरवाल झील आदि।
1 thought on “रणथंबौर नेशनल पार्क नेशनल पार्क Ranthambore National Park 2024”