लाल किला (Red Fort) भारत की राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है। दिल्ली एक केंद्र प्रशासित प्रदेश है जिसका प्रतिनिधित्व केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता है। लाल किले का पुराना नाम किला- ए- मुबारक था। यह भारत की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिलने के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से ही देश को पहली बार संबोधित किया था। इस घटना के बाद प्रतिवर्ष 15 अगस्त को नियमित रूप से लाल किले पर झंडा फहराकर आजादी का जश्न मनाया जाता है।
लाल किला का इतिहास – History of Red Fort
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से लाल किला भारत के सर्वश्रेष्ठ इमारतों में से एक माना जाता है। लाल किले का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने वर्ष 1638 से 1648 के मध्य करवाया था। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि शाहजहां ने लाल किले का निर्माण अपने लिए करवाया था जिसके कारण इस किले की दीवारों को बेहद विशाल एवं मजबूती से बनाया गया था। इस किले को बनाने में सुंदर वास्तुकला का प्रयोग किया गया है जिसके कारण इसे यूनेस्को ने वर्ष 2007 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल कर लिया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार लाल किले के कई बड़े हिस्सों को चूना पत्थर से निर्मित किया गया था जिसकी वजह से शुरुआती दौर में यह किला सफेद रंग का प्रतीत होता था। माना जाता है कि जब अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा किया था तो उसे दौरान उन्होंने इस किले की मरम्मत करके इस पर लाल रंग करवा दिया था जिसके बाद इसे लाल किला के नाम से जाना जाने लगा।
लाल किले की विशेषता – Features of Red Fort
लाल किले की कई विशेषताएं हैं जैसे:-
- 15 अगस्त सन 1947 के बाद से प्रतिवर्ष नियमित रूप से लाल किले पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित कर भारत की विजय गाथा का वर्णन करते हैं। यह सभी देशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन होता है।
- लाल किले का कुल क्षेत्रफल 254.670 एकड़ है। यह केवल देश के ही नहीं बल्कि विश्व के भी सबसे बड़े धरोहरों में से एक है। लाल किले में मौजूद दीवारें लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी है एवं इसकी ऊंचाई लगभग 18-33 मीटर है।
- लाल किला देश की भव्य संरचनाओं में से एक है जहां पर प्रतिवर्ष खास मौको पर विशेष प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है और जिसमें देश के नागरिकों एवं विद्यार्थियों को आमंत्रित किया जाता है। इन कार्यक्रमों में संगीत एवं नृत्य के साथ-साथ भारत की आजादी के दृश्यों को भी दिखाया जाता है।
- लाल किले में दो प्रवेश द्वार मौजूद है पहला लाहौरी गेट एवं दूसरा दिल्ली गेट। लाल किले का प्रमुख प्रवेश द्वारा लाहौरी गेट है एवं सार्वजनिक प्रवेश द्वार दिल्ली गेट है। इन दोनों प्रवेश द्वारों में से दिल्ली गेट सबसे अधिक प्रसिद्ध है जिसे मकबरा के दरवाजे के नाम से भी जाना जाता है। इस किले को सुरक्षित रखने के लिए कई सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
- लाल किले के अंदर कई छोटे-बड़े महल, कमरे, मस्जिद, दरबार आदि मौजूद है जो इसे बेहद सुंदर एवं आकर्षक बनाते हैं।
- लाल किले की विशालकाय दीवारों में सुंदर वास्तुकला का दृश्य देखने को मिलता है जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
- इस किले को ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से बेहद खास माना जाता है क्योंकि इसका संबंध इतिहास में घटी कई बड़ी घटनाओं के साथ रहा है।
- कुछ इतिहासकारों के अनुसार लाल किले में मौजूद भव्य दरबार मुगल सम्राट शाहजहां का मुख्य दरबार हुआ करता था जहां वह अपने मंत्रियों एवं पदाधिकारी के साथ सामाजिक मुद्दों पर चर्चा किया करता था।
- लाल किला अपने आप में एक अद्भुत संरचना है क्योंकि इस किले का रंग सूर्योदय के समय एवं सूर्यास्त के समय के साथ-साथ बदलता रहता है। सूरज की किरणें पड़ने पर यह किला हल्का लाल चमकता है एवं सूर्यास्त के बाद इसका रंग गहरे लाल रंग का हो जाता है।
- लाल किले को मुगल शासन का प्रतीक माना जाता है क्योंकि यह किला मुगल सम्राट शाहजहां ने बनवाया था। इस किले में भारतीय संस्कृति, सुंदर वास्तुकला एवं अद्भुत कलाओं का मिश्रण देखने को मिलता है।
लाल किला: एक शानदार पर्यटक स्थल – Red Fort : A Wonderful Tourist Destination
लाल किला केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिए प्रतिदिन भारी मात्रा में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। यह दिल्ली शहर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है जो भारत के सबसे बड़े स्मारकों में से भी एक माना जाता है। इस किले का लाल रंग एवं सुंदर कलाकृतियां इसे बेहद खास बनाती हैं। लाल किले में मुग़ल एवं हिंदू शैलियों का एक सहज मिश्रण देखने को मिलता है जिसके कारण यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी माना जाता है।
लाल किले का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व – Historical and Cultural Importance of Red Fort
लाल किले का इतिहास आज से लगभग 250 वर्ष से भी अधिक पुराना है जिसके कारण इसे भारत के सबसे पुरानी धरोहरों में से एक माना जाता है। इस किले के अंदर एक सुंदर बगीचा स्थित है जिसे हयात बख्श बगीचा के नाम से जाना जाता है। यह देखने में बेहद सुंदर एवं आकर्षक लगता है और जहां पर सैलानियों के लिए बैठाने एवं विश्राम करने की उचित व्यवस्था भी बनाई गई है। इस किले को बनाने में ऐसे सुंदर वास्तुकला का उपयोग किया गया है जिससे इसकी सांस्कृतिक गरिमा को भी बढ़ावा मिलता है। इसके किले की दीवारों को भव्य एवं विशाल रूप दिया गया है जिसमें सुंदर नक्काशियों को आसानी से देखा जा सकता है और यह देखने में भी बेहद आकर्षक लगते हैं।
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लाल किले में क्या है ? – What is there in the Red Fort?
लाल किले के अंदर दीवान- ए- खास, मुमताज महल, रंग महल, नौबत खाना, हयात बख्श बाग़, महल- ए- खास, नहर-ए-बिहिश्तो, बावली, हमाम, हीरा महल, छाता चौक, मोती मस्जिद, म्यूजियम आदि मौजूद हैं।
लाल किले की टिकट – Red Fort Ticket
- भारत के मूल निवासियों के लिए लाल किले के टिकट को मात्र ₹35 प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है।
- विदेशी मूल के नागरिकों के लिए यह टिकट 550 रुपए प्रति व्यक्ति निश्चित किया गया है।
- SAARC देश के नागरिकों के लिए लाल किले का टिकट ₹35 प्रति व्यक्ति निश्चित किया गया है।
- BIMSTEC देश के नागरिकों के लिए यह टिकट केवल 35 रुपया प्रति व्यक्ति रखा गया है।
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